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यूपी के हिस्ट्री सीटर अपराधी टॉप 33 में नाम आया अतीक अहमद मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह का
3 दिन पहले दबिश के दौरान किए गए विकास दुबे की तरफ से हमले में शहीद हुए जवानों के बाद यूपी पुलिस ने अपराधियों के ऊपर शिकंजा कस लिया है अब उत्तर प्रदेश में हिस्ट्रीशीटर टॉप 33 की लिस्ट निकाली गई है जिसमें अतीक अहमद सहित बृजेश सिंह मुख्तार अंसारी अन्य बड़े अपराधियों के नाम शामिल हैं
अतीक अहमद##
अतीक अहमद एक भारतीय माफिया डॉन और उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद के लिए जेल दूसरा घर सलीकी हो गया 40 साल के अपराधिक इतिहास के दौरान उन्होंने इलाहाबाद से लेकर बिहार तक संगीन अपराधों दीया और 11 बार उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया सच तो यह है कि पिछले दो दशक के दौरान उनका जेल में ही गुजरा है
हिस्ट्रीशीटर अतीक अहमद के ऊपर 75 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं जिस गिरोह में 138 से ज्यादा सदस्य हैं अतीक अहमद के खिलाफ 40 साल में धूमनगंज, कोतवाली, केरल कर्नलगंज शाहगंज हत्या गुंडा एक्ट अवैध हथियार रखना गैंगस्टर फ्रॉड हेरा फेरी धमकी के आरोप में हर साल मुकदमे दर्ज होते रहे
मुख्तार अंसारी##
मुख्तार अंसारी 1988 में पहली बार हत्या के मामले में उनका नाम आया था हालांकि उनके खिलाफ सबूत पुलिस नहीं जुटा पाई थी लेकिन इस पर चर्चा में 1990 का दशक मुख्तार अंसारी के लिए बड़ा था छात्र राजनीति के बाद जमीनी कारोबार और ठेका की वजह से वह अपराध की दुनिया में कदम रख चुके थे पूर्वांचल के गाजीपुर बनारस और जयपुर में उनके नाम का सिक्का चलता था
1995 में मुख्तार अंसारी ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा । अंसारी पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए उसके बाद से ही उन्होंने बजे सिंह की सत्ता को हिलाना शुरू कर दिया सन 2002 आते-आते इन दोनों के गैंग ही पूर्वांचल के सबसे बड़े गिर गए इसी दौरान एक दिन बृजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कराया दोनों तरफ से गोलीबारी हुई इस हमले में मुख्तार कि 3 लोग मारे गए बृजेश सिंह इस हमले में घायल हो गया था उनके मारे जाने की अफवाह थी इसके बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी पूर्वांचल के अकेले के लीडर बनकर उतरे
बृजेश सिंह##
माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह के बेटे के खिलाफ पहली बार दर्ज हुई एफआईआर, मचा हड़कंप
वाराणसी. माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह के बेटे के खिलाफ पहली बार एफआईआर दर्ज हुई है। वीडीए की तहरीर पर कैंट पुलिस ने बृजेश सिंह के बेटे समेत सात के खिलाफ जमीन हड़पने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इस बड़े मामले में बाहुबली एमएलसी के बेटे का नाम सामने आने से हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है इसके बाद ही आगे की तस्वीर साफ हो पायेगी।
एफआईआर में बृजेश सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। वीडीए के अमीन विवेक पाठक की तहरीर पर यह कार्रवाई हुई है। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि मुम्बई की कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने फर्जीवाड़ा करके वीडीए की करोड़ों की जमीन को फर्जी ढंग से पट्टा कराया गया था। जिन कंपनियों का नाम फर्जी ढंग से पट्टा कराने में शामिल थे उसी एक कंपनी रघुकुल कंस्ट्रक्शन कंपनी डायरेक्टर बृजेश सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह भी है इसी आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। अन्य आरेापी में कुमारी पुष्पलता, रामेश्वर प्रताप, पंकज कुमार सिंह, स्नेहलता गोयल, आलोक गोयल व साकिब जाफरूल का नाम शामिल है। कंस्ट्रक्शन कंपनियों के मालिक ने अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़ा खेल किया था जिसका खुलासा होने के बाद मामला अब न्यायालय में चला गया है जहां पर 17 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होगी।
जानिए क्या है मामला
कैंट थाना क्षेत्र से लालपुर जाने वाले मार्ग पर राय साहब का बगीचा नाम से काफी जमीन है। अरबन सीलिंग के तहत जिला प्रशासन ने राय साहब बगीचा की जमीन को अधिग्रहण किया गया था इस जमीन को वीडीए को सौपा गया था जहां पर विभूति नगर बसाने की योजना थी। वीडीए ने इस जमीन को विभूति नगर बसाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है जहां पर उसे अनुमोदन नहीं मिला है। इस जमीन को लेकर मुकदमा भी चल रहा है। वीडीए ने हाईकोर्ट से मुकदमा जीता था इसी बीच दूसरा पक्ष प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट चला गया था। आरोप है कि स्नेहलता व पुष्पलता ने १३ सितम्बर को जमीन का पट्टा एमएलसी बृजेश सिंह के पुत्र सिद्धार्थ सिंह , माकिब जाफरूल इस्लाम, दादू डेवलेपर्स के नाम पट्टा कर दिया था। मामला जब मीडिया में पहुंचा तो हड़कंप मच गया। वीडीए ने सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने साथ ही जमीन पर अपना बोर्ड भी लगाया है।
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